एक व्यंग्य
सोचो आज अगर मार्टिन कूपर ने मोबाइल का आविष्कार न किया होता तो इस लाकडाउन के समय में हमारा क्या
Read Moreसोचो आज अगर मार्टिन कूपर ने मोबाइल का आविष्कार न किया होता तो इस लाकडाउन के समय में हमारा क्या
Read Moreइस समुंदर की भी अजीब दास्तां है समेटे है अपने में जहां का खारापन जब बरसता है तो कहां चला
Read Moreआ चले अपने अंदर की ओर बैठो कुछ क्षण मूंद आंखों को कुछ अंदर के भी दृश्य देख लो कहां
Read Moreऐसा मंजर न मैंने कभी देखा हवाओं को सिर्फ साए साए करते देखा निकला था घर से कुछ दवाई लेने
Read Moreवक़्त के सुनहरे झांसे में न आ बड़ा फरेबी है यह आज तुझसे आकर कह रहा तेरा हूं मै कल
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