मातृभाषा हिन्दी का हो गुणगान
” प्रिया, मैं शाम को देर से आऊंगा।”” हम सब मित्र आज फ्रेंडशिप डे मना रहे हैं।”” मैं भी आ
Read More” प्रिया, मैं शाम को देर से आऊंगा।”” हम सब मित्र आज फ्रेंडशिप डे मना रहे हैं।”” मैं भी आ
Read Moreसर्दी का मौसम, ठंडी हवा, ऋतु मनभाये, माँ की ममता कैसे मीठी लोरी गा पाये? फुटपाथ पर दुबके सोये दिल
Read Moreदीप माला,पुष्पहार, सजाये बंदनवार, रंगोली में रंग भर, आँगन सजाइये।। दीप अपनी माटी के, प्रेम पगी संस्कृति के, घर-द्वार उजियारा,
Read Moreछोटा बच्चा मैं बन जाऊं, खूब खेलूं, मौज मनाऊं।। खूब करे हम धमा-चौकडी, दादाजी की छुपाऊं छडी।। चिमटी धीरे से
Read Moreदीप माला,पुष्पहार, सजाये बंदनवार, रंगोली में रंग भर, आँगन सजाइये।। दीप अपनी माटी के, प्रेम पगी संस्कृति के, घर-द्वार उजियारा,
Read Moreमोहिनी सी मुस्कुराती, रागिनी गुनगुनाती, इठलाती आयी भोर, आयी रविरश्मियाँ।।1।। प्राची ले नवल रंग, लायी उमंग, तरंग, पंछी करे कलरव,
Read Moreमकान बहुत बड़ा नहीं था। लेकिन रहनेवाले सदस्य बहुत सारे थे। दादाजी, ताऊजी, चाचाजी,सबके परिवार एक छत के नीचे बड़े
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