ग़ज़ल
जब से प्यार के सिलसिलो का इंतकाल हो गया तब से नफरतो का सिलसिला कमाल हो गया। रखते थे ख्याल
Read Moreतीरथ माँ बाप को कभी करा न सका कभी श्रवण कुमार कहला न सका। छाती सुखा ली उसने मुझे पिलाकर
Read Moreइन्सान जब करता है मिसयूज़। भगवन भी सब देख के होता है कन्फ्यूज़। कभी बने बो लखपति कभी रहे बिन
Read Moreवाह रे शैतान तूने ऐसा खेल खेला, भारत में ब्यभिचारियो का लगा दिया मेला। दिखने में अल्हड फूल सा अवयस्क
Read Moreदेश भक्ति जन सेवा मन में देश का जज्बा भरा है तन में। चौवीस घंटे काम करत है रात को
Read Moreदीवाली में दीप अली के रमजानो में राम इतना सुंदर भाई चारा क्यों करते बदनाम। कहने को तो भेष अलग
Read Moreवो रोती रही मैं आंख मलता रहा वो सिसकती रही मैं चलता रहा। हाथ रोके न उसने सब कुछ सहा
Read More