ग़ज़ल
अपने हाथों की लकीरों में पढ़ाकर उसको गुनगुनाये वो अगर सिर्फ सुनाकर उसको गीत उर्दू में कहे तू कि गजल
Read Moreलेखक-कथाकार डाॅ विजय कुमार सिंघल ‘अंजान’ का इस लघुउपन्यास को लिखकर सामने लाने का मुख्य उद्देश्य श्री कृष्ण के विषय
Read Moreअपने साये से सदा साथ रहे हम ऐसे अपनी धरती पे झुका रहता है अम्बर जैसे चाँद-तारे भी निकल आते
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