गजल
नशे में हूँ, कहाँ जाऊँ , साकी ? दो पहर तुझ संग बिताऊँ, साकी? हर तरफ आँधियाँ दिवानी हैं, दीप
Read Moreतुमको देखे युग गुजरा है । हाय प्रिये तुम दूर हो गये । हम कितने मजबूर हो गये । वक्त
Read Moreनये साल की तुम्हें बधाई ! नव पल्लव आये शाखों पर। हुए चंपई पीपल , पाकर । बाग-बाग रितुराज आगमन,
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