गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी 03/12/201704/12/2017 ग़ज़ल स्याह रातों मे नया नूर दिखाने वाला । कोई आयेगा मुझे राह बताने वाला ।। ऐ अंधेरो के बुरे लोग Read More
कविता *डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी 28/10/2017 आरक्षण सिंहों की खातिर पिंजड़े है ,श्वानों को सिंहासन मिलता । मिल रहे कैक्टस को गमले, कीचड़ के बीच कमल खिलता Read More
गीत/नवगीत *डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी 27/10/2017 फुटपाथ काश मुझको भी बुलाता कोई । मेरें सपनो को बचाता कोई । मन में बैठे है ताप शीत मेरे । Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी 26/10/201727/10/2017 ग़ज़ल किसकी मानूँ और भला किसको ठुकराऊँ? कुछ कहने से अच्छा है कि चुप हो जाऊँ भीड़ भरी दुनिया में ,कहीं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी 18/10/2017 उदास रात चीज छोटी सी है ,लेकिन जनाब दे जाओ । मेरे टूटे हुए दिल का हिसाब दे जाओ। सिर्फ तन्हाई है Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी 29/09/201706/10/2017 ग़ज़ल तुम्हारी याद में प्रियतम ,नींद भी टूट जाती है । न मुझको चैन आता है,न कोई बात भाती है । Read More
गीत/नवगीत *डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी 26/09/2017 काका कलाम कभी नहीं सोचा था इतनी दूर चले जाओगे । हे !काका कलाम भारत में अब फिर कब आओगे ? कब Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी 21/09/201724/09/2017 ग़ज़ल मुश्किलें कुछ इस तरह की थी,सखे ! दुश्मनों से दोस्ती भी की , सखे ! तपके सूरज ढल गया जो Read More
गीत/नवगीत *डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी 15/09/2017 नयन कमल तेरे नयन कमल जैसे हैंं । तेरे अधर लुभाते मन को । तेरे बोल डिगाते मन को । प्रेम पंथ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी 07/09/201708/09/2017 ग़ज़ल हर रोज दिल पे चोट नई, खा रहे हैं हम । यह बात अलग है कि मुस्करा रहे हैं हम Read More