तुम कब आओगे
हे प्रियतम! तुम अब आओगे ? मन मरुथल में प्यास जगी है , प्रेम जलद कब बरसाओगे ? देखों कैसे
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Read Moreजल बिन मीन सरीखा यह मन । यह मौसम के अलंकार सब । प्रियतम के साजो सिंगार सब । कजरी,
Read Moreहाँ, मैं वक्त से पहले जवान हो गया था । मैं समझने लगा था, दुनियादारी की बातें, घाटे फायदे
Read More१- फैला था चारो तरफ ,तम रूपी अज्ञान । गुरुरूपी दीपक जला ,हुआ दीप्ति का भान ।। २- हम माटी
Read Moreकभी सुनहरा कल आयेगा । चलता जा राही ,निशि वासर । अँधियारे ,निर्जन राहो पर । हिम्मत रख खुद पर
Read Moreचमक देखकर नेह लगाया ,तरु! तुझको पछताना होगा । अमरबेल के अंकपाश में घुट घुट के मर जाना होगा ।
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