करें विश्वास कैसे सब तेरे वादे चुनावी हैं
करें विश्वास कैसे सब तेरे वादे चुनावी हैं हक़ीक़त है यही सारे प्रलोभन इश्तहारी हैं। हवा के साथ उड़ने का
Read Moreकरें विश्वास कैसे सब तेरे वादे चुनावी हैं हक़ीक़त है यही सारे प्रलोभन इश्तहारी हैं। हवा के साथ उड़ने का
Read Moreवोटरों के हाथ में मतदान करना रह गया दल वही , झंडे वही काँधा बदलना रह गया। फिर
Read Moreवो समंदर है तो होने दीजिए सीप ही काफ़ी है मोती के लिए। इन हवाओं का भरोसा है कोई रूख़
Read Moreसत्ता की कामयाबियों में देखिये उसे जनता की परेशानियों में देखिये उसे। जनता को सिर्फ़ आँकडे़ दिखा रहा है वो
Read Moreउधर देखा, कभी खु़द की तरफ़ देखा नहीं मैंने नफ़ा, नुक़सान क्या होगा कभी सोचा नहीें मैने। मुझे भी हर
Read Moreकभी लौ का इधर जाना , कभी लौ का उधर जाना दिये का खेल है तूफ़ान से अक्सर गुज़र जाना।
Read Moreमिट गये देश के जो सृजन के लिए रह गये शेष हैं स्मरण के लिए । काश, पुरखों के अरमान
Read Moreमिश्री के समान मीठा , मखमल के समान मुलायम । रोली – कुमकुम के समान पावन । रेशम के समान
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