ग़ज़ल : सत्ता की कामयाबियों में देखिए उसे
सत्ता की कामयाबियों में देखिये उसे जनता की परेशानियों में देखिये उसे। जनता को सिर्फ़ आँकडे़ दिखा रहा है वो
Read Moreसत्ता की कामयाबियों में देखिये उसे जनता की परेशानियों में देखिये उसे। जनता को सिर्फ़ आँकडे़ दिखा रहा है वो
Read Moreउधर देखा, कभी खु़द की तरफ़ देखा नहीं मैंने नफ़ा, नुक़सान क्या होगा कभी सोचा नहीें मैने। मुझे भी हर
Read Moreकभी लौ का इधर जाना , कभी लौ का उधर जाना दिये का खेल है तूफ़ान से अक्सर गुज़र जाना।
Read Moreमिट गये देश के जो सृजन के लिए रह गये शेष हैं स्मरण के लिए । काश, पुरखों के अरमान
Read Moreमिश्री के समान मीठा , मखमल के समान मुलायम । रोली – कुमकुम के समान पावन । रेशम के समान
Read Moreमिट गये देश के जो सृजन के लिए रह गये शेष हैं स्मरण के लिए । काश, पुरखों के अरमान
Read Moreरक्त का संचार है पर्यावरण साँस की रफ़्तार है पर्यावरण। फूल, फल या छाँव की ख्वाहिश अगर तो प्रकृति का
Read Moreबेवजह वो मुस्कराता यह ख़बर अच्छी नहीं दे रहा है फिर दिलासा यह ख़बर अच्छी नहीं ! जो ज़रूरतमंद हों
Read Moreकितने अनपढ़ भी हैं देखे कबीर होते हैं ग़रीब लोग भी दिल के अमीर होते हैं। ऐसे बच्चे भी हैं
Read Moreउधर देखा , कभी ख़ुद की तरफ़ देखा नहीं मैंने नफ़ा, नुक़सान क्या होगा कभी सोचा नहीं मैने। मुझे भी
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