गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 17/12/202317/12/2023 ग़ज़ल उजड़ रहा है चमन इसको बचाऊं कैसेलगी है आग, मगर आग बुझाऊं कैसे लहू से तर है नज़र इसको छिपाऊं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 13/11/202313/11/2023 गजल मुझे यक़ीन है सूरज यहीं से निकलेगायहीं घना है अंधेरा है यहीं पे चमकेगा इसीलिए तो खुली खिड़कियां मैं रखता Read More
गीत/नवगीत *डॉ. डी एम मिश्र 13/11/202313/11/2023 अंधेरा मिटा जाइए सांझ घिरने लगी, दीप जलने लगे बस यही कामना आप आ जाइए। और रातें किसी भांति कट भी गयीं किन्तु Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 05/10/202306/10/2023 ग़ज़ल खाये पिये अघाये लोगहैं बनठन कर आये लोग पाचन शक्ति बढ़ाने कोधरम का चूरन लाये लोग देश में कहाँ ग़रीबी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 23/09/202323/09/2023 ग़ज़ल सफ़र में ये होता है हैरां नहीं हूंथका हूं मगर मैं परीशां नहीं हूं अगर ज़िंदगी है तो ख़तरे भी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 01/08/202301/08/2023 ग़ज़ल अगर क़लम में धार नहीं तो क्या मतलबवाणी में ललकार नहीं तो क्या मतलब निकले हो तुम जंग फ़तह करने Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 09/07/2023 ग़ज़ल सच कहना यूं अंगारों पर चलना होता है फिर भी यारो सच को सच तो कहना होता है । इधर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 07/06/202308/06/2023 ग़ज़ल पत्थरों से तो सर बचा आये चोट फूलों की मार से खाये सारी दुनिया को जीतकर लौटे मात परिवार से Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 04/05/2023 ग़ज़ल जलेगा चमन तो धुआं भी उठेगा धुआं जो उठेगा तो सबको दिखेगा अकेला नहीं घर है बस्ती में मेरा मेरा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. डी एम मिश्र 15/04/2023 ग़ज़ल काट दो तो और कल्ले फूटते हैं और भी ताज़े, हरे वे दीखते हैं खूं उतर आता है जब आंखों Read More