लघुकथा – सही वक्त, सही निर्णय
विवाह के बाद से ही हर रात टिंकू नशे में धुर्त ही घर आता था ।( निशा ) पत्नी उसे
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Read Moreआज हम पति- पत्नी दोनों रात्रि भोजन हेतु भोजनालय पहुंचे। भीड़ को देख हमने एक किनारे बैठना ही ठीक समझा।
Read Moreराज और बबलु एक ही साथ पढते थे इस कारण दोनो की दोस्ती बहुत अच्छी थी। हर पल दोनो एक
Read Moreआज अन्नू ज्यों ही विवाह कर ससुराल प्रवेश की पूरे घर में भगदड़ मच गई। सभी के मुंह से एक
Read Moreरेनू प्रति दिन बच्चे को छोड़ने कन्वीनियंट विद्यालय जाती थी। जहां उसकी हर तरह के लोगों से मुलाकात भी होती।
Read Moreराजेश साह का एक छोटा परिवार था,वह और उनकी पत्नी, इसके अतिरिक्त उनके दो ही बच्चे थे। दोनों बच्चे माता-पिता
Read Moreचाय के साथ अखबार पढ रही थी की अचानक मेरी नजर सरकारी घोषणा पर पड़ी ,जिसमें गांव में एक अस्पताल
Read Moreशहर मे अपने रिश्तेदार के यहां से कार्यक्रम की समाप्ति पर आने मे रात हो गयी। जाड़े की रात मे
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