लघुकथा – उपेक्षा
अभि बचपन से ही पढ़ने- लिखने में बहुत अच्छा और मिलनसार स्वभाव का था। वह पिता के सलाह के बिना
Read Moreअभि बचपन से ही पढ़ने- लिखने में बहुत अच्छा और मिलनसार स्वभाव का था। वह पिता के सलाह के बिना
Read Moreआज संध्या काल ज्यो ही रमेश निकल रहा था, इतने में श्रीमती सोनिया बोली– अजी ,सुनते हैं आते वक्त कुछ
Read Moreमहेश कमरे में बैठा आराम कर रहा था कि पास बैठी पत्नी मयूरी कहने लगी- बहुत दिन हो गए, हम
Read Moreबचपन में ही राहुल को मां छोडकर इस दुनिया से चली गयी तो पिता ने घर के साथ खेती-बाड़ी का
Read Moreविवाह के बाद से ही हर रात टिंकू नशे में धुर्त ही घर आता था ।( निशा ) पत्नी उसे
Read Moreआज हम पति- पत्नी दोनों रात्रि भोजन हेतु भोजनालय पहुंचे। भीड़ को देख हमने एक किनारे बैठना ही ठीक समझा।
Read Moreराज और बबलु एक ही साथ पढते थे इस कारण दोनो की दोस्ती बहुत अच्छी थी। हर पल दोनो एक
Read Moreआज अन्नू ज्यों ही विवाह कर ससुराल प्रवेश की पूरे घर में भगदड़ मच गई। सभी के मुंह से एक
Read Moreरेनू प्रति दिन बच्चे को छोड़ने कन्वीनियंट विद्यालय जाती थी। जहां उसकी हर तरह के लोगों से मुलाकात भी होती।
Read Moreराजेश साह का एक छोटा परिवार था,वह और उनकी पत्नी, इसके अतिरिक्त उनके दो ही बच्चे थे। दोनों बच्चे माता-पिता
Read More