कविता गंगा मांझी 01/06/202502/06/2025 0 Comments कविता खुद को पाना कितना मुश्किल है ।मंजिल को किनारा मिलना कितना मुश्किल है ।सही राह चुनना कितना मुश्किल है।सही पथप्रदर्शक Read More
कविता गंगा मांझी 14/05/202514/05/2025 कविता जब किताबों से दोस्ती की ,तो नींद ने दूर किया।जब किसी इंसान से दोस्ती की,तो इंसान ने भी इंसानियत कहा Read More
कविता गंगा मांझी 06/04/202506/04/2025 कविता हम इंसान भी कितने नादान होते हैं ,जो पास नहीं उसको ढूंढते रहते हैं ,और जो पास है उसको पूछते Read More
कविता गंगा मांझी 06/04/202506/04/2025 कविता इस रुशवाई दुनिया में सब अपनी ,चाहत ढूंढते हुए नजर आते हैंजिसके पास चाहत, वो दूर जाते हुए नजर आते Read More
कविता गंगा मांझी 25/09/202325/09/2023 गंगा नदी गंगोत्री हिमनद से उद्गम है जिसका, वह है गंगा नदी जो सबके पापों का Read More
कविता गंगा मांझी 02/07/202302/07/2023 हमारा ग्वालियर ग्वालियर एक अनोखा इतिहास है इतिहास नही ये मेरे दिल के पास है वर्तमान भी है मेरा भविष्य भी है Read More