श्रमिक की व्यथा
श्रमिक की व्यथा कैसी होती है, दिन भर वह मेहनत करता है, फिर चार पैसे कमा पाता है, ज्यादा हो
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Read Moreजीवन के आपाधापी में, यह सोच न पाया कि जीवन क्या है? क्या बुरा किया क्या भला किया, कैसे बीत
Read Moreडेमोक्रेसी क्या है, प्रियतम के वादों की तरह होती है, प्रियतम के वादे तो पूरे हो जाते है, पर डेमोक्रेसी
Read Moreयूं तो मौसम चार होते हैं, हर 5 साल बाद पांचवा मौसम आता है, वह चुनाव का मौसम कहलाता है।
Read Moreआ गया बसंत का मौसम, लग गए आम में बौर। उनकी खुशबू लुभाने लगी, हरे हरे पत्तों में झांकती पीले
Read Moreजिंदगी तेरा अजब ही रंग ढंग है, किसी के पास ज्यादा तो किसी के पास कम है, क्या क्या रंग
Read Moreअंदर से मुलायम ऊपर से सख्त होती है बेटियां, हर सुख-दुख कहकर सबको खुशियां देती है बेटियां। उसके रहने से
Read Moreएक नन्हा बच्चा जब आता है वह कितनी खुशियां लाता है, मां के उदर से बाहर आने तक वह कितनी
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