चाँद की चमक
चाँद कहता है मुझसे आदमी क्या अनोखा जीव है, उलझन खुद पैदा करता है फिर न सोता है, और मुझसे
Read Moreचाँद कहता है मुझसे आदमी क्या अनोखा जीव है, उलझन खुद पैदा करता है फिर न सोता है, और मुझसे
Read Moreप्यार पर क्या लिखूँ ये समझ नहीं आता है जीत लिखूँ या हार लिखूँ या अपना प्यारा संसार लिखूँ खिलती
Read Moreमां मैं तुम्हारे अंदर हूं मुझे मत मारो मैं भी जीना चाहती हूं दुनिया देखना चाहती हूं मां मैं तो
Read Moreराखी का त्यौहार लगता है प्यारा भाई- बहन का प्यार होता है सबसे न्यारा सबसे सच्चा रिश्ता होता है भाई
Read Moreचाँद कहता है मुझसे आदमी क्या अनोखा जीव है उलझन खुद पैदा करता है फिर न सोता है, और मुझसे
Read Moreराजनीति के देखो भाई खेल निराले होते हैं धर्म मजहब में बाट दिया और फील गुड कराने लगते हैं नौकरी
Read Moreधरती अम्बर एक सी लहू भी सबका एक का सा फिर भी इंसान क्यों बंटता चला गया सरहदे बंट गयी
Read Moreबर्फ की जिंदगी कितनी कठिन होती है हर समय पत्थर बने रहना, धूप की जब किरणे परी तो पिघलना शुरू
Read Moreबचपन की यादें कितनी अच्छी होती हैं आज उन यादों को ताजा करना अच्छा लगता है कहा खो गया वो
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