कविता गरिमा लखनवी 17/08/2014 विरह वेदना पति जब पत्नी से मिलापत्नी बोली,हे प्राणप्रिये तुम नहीं थेतो लगता था जीवन नहीं हैहे प्रिये तुम्हे मेरी याद आई Read More
कविता गरिमा लखनवी 18/07/2014 कतार हर जगह कतार है,फ़ोन भी बोलता हैआप कतार में है,कब खतम होगी,ये कतार पता नहींलोग बढ़ते जा रहे हैहर तरफ Read More
कविता गरिमा लखनवी 04/06/2014 रिश्ता माँ बेटे का रिश्ता होता है अनमोल रहता है अहसास माँ को अपने बेटे के दुःख दर्द का बेटा चाहे Read More