कविता

कविता : होली

होली का त्यौहार है
कितना प्यारा, सब
तरफ है रंगों का उजियारा
हरे, गुलाबी, नीले, पीले
हर रंग की  है अदा  निराली
जैसे कह रहा कोई कहानी
हर कोई है मस्ती में
डूब  जाना चाहता है
रंगों की मस्ती में
प्यार की बहार है
होली का त्यौहार है
गुझियो की बहार है
रंगों की बौछार है
नफरत का कोई न रंग है
सब एक दूसरे के साथ मगन है
ठंडाई का संग है
नाचने का उमंग है
होली के संग है

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384