पहेलियाँ दीपावली की
1 सूरज का है अंश कहाता।जलकर है अँधियार मिटाता।मिट्टी से वह बना हुआ हैरखता बाती – तेल से नाता। 2
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Read Moreहर घर फहरे ध्वजा तिरंगा।नभ में लहरे ध्वजा तिरंगा। त्याग – समर्पण भाव हो जागृतदेशभक्ति का पी लें अमृत भारत
Read Moreखग भरता ऊँची उड़ान हैलेश न पंखों में थकान है पाना है गंतव्य सुनिश्चितचुनौतियों से सावधान है थोड़ा नभ, थोड़ा
Read Moreमारकाट, मारामारी हैदिन में छायी अँधियारी है बढ़ा प्रभाव झूठ का इतनाहुआ सत्य पर ही भारी है दृष्टि मछलियों पर
Read Moreदिव्यांग जन की बड़ी चुनौती शिक्षा. स्वास्थ्य और रोजगार। समुचित यत्नों के अभाव में जीवन बन जाता है भार। पहुँच
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