गीतिका/ग़ज़ल गौरीशंकर वैश्य विनम्र 02/01/2022 लोग अंगारों पर चलते लोग। देख उन्हें भी जलते लोग। किसको – कितना लाभ हुआ सोच रहे, जब छलते लोग। पैसों Read More
कविता गौरीशंकर वैश्य विनम्र 04/10/202105/10/2021 दीपों का त्योहार जगर – मगर दीपों का आया त्योहार। हँसी – खुशी का लाया, अनुपम उपहार। चमक – दमक, चहल-पहल, कोई न Read More