गीतिका/ग़ज़ल

आशा का घट

जल्दी नाता तोड़ो मत
मित्रों से मुँह मोड़ो मत
साथ चल रहे वर्षों से
बीच राह में छोड़ो मत
भूल और भ्रम में पड़कर
आशा का घट फोड़ो मत
जानबूझकर दुष्टों से
संबंधों को जोड़ो मत
नींबू सारा निचुड़ गया
कसकर और निचोड़ो मत
रोकर बच्चा सोया है
जोर से उसे झिंझोड़ो मत
गायेगी नन्हीं चिड़िया
उसका गला मरोड़ो मत
— गौरीशंकर वैश्य विनम्र

गौरीशंकर वैश्य विनम्र

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