ग़ज़ल
समेट लूँ जिंदगी को कोई पल हो ऐसा बात आज की नहीं कोई कल हो ऐसा वो दवा हो ऐसी
Read More(१) कोश नहीं किसी को तू, तू खुद से कोसों दूर । छोड़ अपने लोगों को, कोष हुआ मशहूर ।।
Read Moreएक रेखा खींची है हमने अपने मनोमस्तिष्क में नाप लिया है हमने इंच दर इंच अपने पैमाने से क्या नापा
Read Moreएक चूजा था जो अभी निकला नहीं था अंडे से आतुर था वो आसमान में उड़ने को अंडा बहुत शख्त
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