वीरांगना ए हिंद झलकरी बाई
22 अगस्त 1830 को धरा पर आई, नाम पड़ा उसका झलकरी बाई। मां जमुना थी पिता सदोबा कोली, आगे तोपची
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Read Moreबदसूरत बन रहा लोकतंत्र हमारा, धनबल,जांच, इसको देता सहारा !! चुनकर आते हैं जिसके विरोध में, फिर भी सरकार बनाते
Read Moreसुबह-सुबह उंघ रहे थे एक आवाज कानों से टकराई। कितना सोते हो आजकल देखो कितनी धूप निकल आई। कुछ फिक्र
Read Moreख्वाब की खिड़कियां खुल गई हैं उनकी, जिन्हें रोज शराब और शबाब मिलता है। मेरे
Read Moreसंपूर्ण भारत वर्ष में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है.प्रत्येक वर्ष भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति
Read Moreनई शिक्षा नीति में बहुत सारी बातें कहीं गई पर जिन कंधों पर देश के कर्णधारों को शिक्षा देने की
Read Moreजब से बरसल बा सावन के फुहार, मौसम में आ गईल बा बहार भौजी। सब जीव जंतु करत
Read Moreभारत के प्रत्येक देशवासी उम्मीद करता है हमारा देश एक मजबूत नेतृत्व में संपूर्ण विश्व
Read Moreचलो चले जी हम सब मिलकर, वसुंधरा पर हरियाली फैलाते हैं। हर गांव,हर खेत-खलिहान में, मिल-जुलकर पेड़-पौधे लगाते हैं। खेतों
Read Moreकोरोनावायरस से उत्पन्न वैश्विक संकट और वैश्विक आर्थिक मंदी के वर्तमान दौर में जब चुनौतियों के बारे में हम बात
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