गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 16/10/202416/10/2024 ग़ज़ल नया बस नया सोचना चाहता हूँ।कोई काम करना बड़ा चाहता हूँ। बुराई से अब फासला चाहता हूँ।भलाई सभी की सदा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 20/09/202420/09/2024 ग़ज़ल डगर आसां बनाना जानते हैं।हदफ हर एक पाना जानते हैं। लगाना हर निशाना जानते है।बड़ा ख़तरा उठाना जानते हैं। सुशासन Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 02/09/202430/08/2024 ग़ज़ल कौन ज़्यादा बदज़बा।जानता सारा जहां। कुछ करीबआओज़रा,मत रहे कुछ दरमियां। घूमता क्यूँ चार सू,हाथ ले तीरो कमां। आजकल बारूद से,कांपता Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 10/08/202410/08/2024 ग़ज़ल है बहुत यार सरफिरी दुनिया।कौन कहता कि है सही दुनिया। कब किसी का ये साथ देती है,साथ किसकेभला चली दुनिया। Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 07/08/202407/08/2024 ग़ज़ल क़ौम जो भी इल्म से धनवान होती जाएगी।ऐश इशरत उसके घर महमान होती जाएगी। जब थमेगा दौर हिंसा का पड़ोसी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 09/07/202409/07/2024 ग़ज़ल तब्दील हो गये सभी मंजर खड़े खड़ेबादल फटा फटाक जो सर पर खड़े खड़े कुछ और कर सका नहीं कायर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 02/07/202405/07/2024 ग़ज़ल ज़िन्दगी दी है ख़ुदा ने ज़िन्दगी अच्छी लगी।नूर हैं मे रे नबी यूँ रौशनी अच्छी लगी। कौन है सच्चा हितैषी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 18/06/202418/06/2024 ग़ज़ल मेरी हालत न कुछ भली सी है।बात अब तक मगर बनी सी है। छोड़ सकता नहीं उसे हरगिज़,मुझको प्यारी वो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 16/06/202416/06/2024 ग़ज़ल कहीं दिल किसी से लगाने से पहले।कभी पूछना मत ज़माने से पहले। इलेक्शन भी लड़ना पड़ेगा यक़ीनन,ज़रा सोच लेते सताने Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 13/06/202413/06/2024 ग़ज़ल सालों से जिन से प्रीत लगाए हु ए है हमइक पल में उनसे आज पराये हु ए है हम उड़ते Read More