ग़ज़ल
मुस्कुराकर दिखाइए साहब।ज़र्फ़ को आज़माइए साहब। रौशनी को बढ़ाइए साहब।अब ज़रा मुस्कुराइए साहब। गति रनों की बढ़ाइए साहब।एक छक्का लगाइए
Read Moreनूर से उन के जग में उजाला हुआ।ख़ूबसूरत जहां का नज़ारा हुआ। वो ही होता रहा जो भी कहते रहे,रब
Read More