ग़ज़ल
उसे सारा ज़माना जानता है।चमन को जो सजाना जानता है। उसे कब तंग करते यार फिकरे,हवा में जो उड़ाना जानता
Read Moreनूर से उन के जग में उजाला हुआ।ख़ूबसूरत जहां का नज़ारा हुआ। वो ही होता रहा जो भी कहते रहे,रब
Read Moreअटल हमारे अटल तुम्हारे।नहीं रहे अब बीच हमारे।जन जन के थे राज दुलारे।अटल हमारे अटल तुम्हारे। बेबाक रहे बोल चाल
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