गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 10/05/202510/05/2025 ग़ज़ल जो यक़ी उसका खोता नहीं है।नाव रब फिर डुबोता नहीं है। रौशनी दो मुझे या मुहम्मद,तीरगी दिल ये ढोता नहीं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 28/04/202529/04/2025 ग़ज़ल मुस्कुराकर दिखाइए साहब।ज़र्फ़ को आज़माइए साहब। रौशनी को बढ़ाइए साहब।अब ज़रा मुस्कुराइए साहब। गति रनों की बढ़ाइए साहब।एक छक्का लगाइए Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 21/04/202529/04/2025 ग़ज़ल फिर से बुलडोज़र चला।बच सके जो वो बचा। बात कड़वी हर भुला।हमनवा बन हमनवा। आँख मूँदे चल पड़ा।धर्म का फरचम Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 13/04/202513/04/2025 ग़ज़ल है तिजारत ही भली।नौकरी है चाकरी। मत सियासत कर यहाँ,शायरी कर शायरी। खेल मत इससे करो,ज़िन्दगी है ज़िन्दगी। साथ नेचर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 18/03/202526/03/2025 ग़ज़ल उसे सारा ज़माना जानता है।चमन को जो सजाना जानता है। उसे कब तंग करते यार फिकरे,हवा में जो उड़ाना जानता Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 14/03/202526/03/2025 होली में रंग उड़ता गुलाल होली में।दिख रहे लाल गाल होली में। दिल न काबू में इन दिनों रहता,मस्तियों में उबाल होली Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 12/03/202526/03/2025 ग़ज़ल ज़ह्न भटका ज़रा।हो गया हादसा। भूल शिकवा गिला।कर ज़रा मशवरा। है बहुत हौसला।मत किसी से डरा। जब शुरू है किया।छोड़ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 06/03/202506/03/2025 ग़ज़ल हार पर तिवमिलाना ज़रूरी नहीं।सब की बातों में आना ज़रूरी नहीं। सोच जिससे न मिलती कहीं हो ज़रा,हाथ उस से Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 03/03/202503/03/2025 चन्द नातिया अश्आर नूर से उन के जग में उजाला हुआ।ख़ूबसूरत जहां का नज़ारा हुआ। वो ही होता रहा जो भी कहते रहे,रब Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 12/02/202512/02/2025 ग़ज़ल सोच हरदम रही बुरी उसकी।ढापता मैं रहा कमी उसकी। कोसता जो रहा सदा हमको,चाहते हम रहे खुशी उसकी। उसको परवाह Read More