गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 13/04/202513/04/2025 0 Comments ग़ज़ल है तिजारत ही भली।नौकरी है चाकरी। मत सियासत कर यहाँ,शायरी कर शायरी। खेल मत इससे करो,ज़िन्दगी है ज़िन्दगी। साथ नेचर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 18/03/202526/03/2025 ग़ज़ल उसे सारा ज़माना जानता है।चमन को जो सजाना जानता है। उसे कब तंग करते यार फिकरे,हवा में जो उड़ाना जानता Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 14/03/202526/03/2025 होली में रंग उड़ता गुलाल होली में।दिख रहे लाल गाल होली में। दिल न काबू में इन दिनों रहता,मस्तियों में उबाल होली Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 12/03/202526/03/2025 ग़ज़ल ज़ह्न भटका ज़रा।हो गया हादसा। भूल शिकवा गिला।कर ज़रा मशवरा। है बहुत हौसला।मत किसी से डरा। जब शुरू है किया।छोड़ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 06/03/202506/03/2025 ग़ज़ल हार पर तिवमिलाना ज़रूरी नहीं।सब की बातों में आना ज़रूरी नहीं। सोच जिससे न मिलती कहीं हो ज़रा,हाथ उस से Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 03/03/202503/03/2025 चन्द नातिया अश्आर नूर से उन के जग में उजाला हुआ।ख़ूबसूरत जहां का नज़ारा हुआ। वो ही होता रहा जो भी कहते रहे,रब Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 12/02/202512/02/2025 ग़ज़ल सोच हरदम रही बुरी उसकी।ढापता मैं रहा कमी उसकी। कोसता जो रहा सदा हमको,चाहते हम रहे खुशी उसकी। उसको परवाह Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 20/01/202520/01/2025 ग़ज़ल भरोसा जो रखता है उस पर निरन्तर।कभी रब घुमाता नहीं उस को दर दर। बचाना अगर चाहते हो धरोहर।हिफाज़त तो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 05/01/202505/01/2025 ग़ज़ल कर नहीं सकता किनारा दोस्तों।जिस को बनना है सहारा दोस्तों। ये नहीं हरगिज़ गवारा दोस्तों।लूँ किसी का भी सहारा दोस्तों। Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 01/01/202501/01/2025 ग़ज़ल भूलकर भी उधर नज़र न करें।बेवफ़ाओं को हमसफ़र न करें। कह रहा साफ़ आदमी से रब,मुफ़लिसों पर कभी ज़बर न Read More