गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 31/10/2020 ग़ज़ल काम अपने कुछ बताते जाइए। दोस्तों को आज़माते जाइए। राह के खतरे मिटाते जाइए। राह से पत्थर हटाते जाइए। गीत Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 27/10/2020 ग़ज़ल खिल उठे हैं फूल प्यारे हर तरफ। खुशनुमा हैं अब नज़ारे हर तरफ। साथ जब से आपका मुझको मिला, ख़ूबसूरत Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 21/10/202023/10/2020 ग़ज़ल दूध से जो कभी जला होगा। छाछ भी फूँक पी रहा होगा। आग के पास तक गया होगा। हाथ उसका Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 16/10/2020 ग़ज़ल मुहब्बत की ज़रूरत है। ये इक तन्हा हक़ीक़त है। बुलन्दी पर कहाँ थी कल, कहाँ आखिर मईसत है। नहीं कहते Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 13/10/2020 ग़ज़ल वक़्त अपना नहीं करो जाया। वक़्त है क़ीमती बहुत काया। रौशनी हो तो साथ रहता है, साथ छोड़े है रात Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 11/10/2020 ग़ज़ल अब सनम ही फ़क़त निशाना है। उसको खोना नहीं है पाना है। मन है सन्तोष से भरा जिसका, पास उसके Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 05/10/2020 ग़ज़ल ख़ूं से अपने वतन को सजाते चलो। ख़ूबसूरत इसे तुम बनाते चलो। ग़म जहाँ हो खुशी तुम लुटाते चलो। जश्न Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 03/10/2020 गाँधी हम शर्मिन्दा हैं तेरे क़ातिल ज़िन्दा हैं। गाँधी हम शर्मिन्दा हैं। फाँसी पाया क़ातिल पर, घोर जुनूनी ज़िन्दा हैं। जय जय बोलें बाहर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 18/09/2020 ग़ज़ल यूँ नहीं डरा करो। मस्त हो जिया करो। होश में रहा करो। नाप कर पिया करो। ज़ुल्म रोक दो ज़रा, Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 09/09/2020 ग़ज़ल हर घड़ी भींच कर मत रखो मुट्ठियाँ। हद से ज़्यादा नहीं ठीक हैं सख्तियाँ। नौकरी कर चुके फ़र्ज़ पूरे हुये, Read More