गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 07/08/202407/08/2024 ग़ज़ल क़ौम जो भी इल्म से धनवान होती जाएगी।ऐश इशरत उसके घर महमान होती जाएगी। जब थमेगा दौर हिंसा का पड़ोसी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 09/07/202409/07/2024 ग़ज़ल तब्दील हो गये सभी मंजर खड़े खड़ेबादल फटा फटाक जो सर पर खड़े खड़े कुछ और कर सका नहीं कायर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 02/07/202405/07/2024 ग़ज़ल ज़िन्दगी दी है ख़ुदा ने ज़िन्दगी अच्छी लगी।नूर हैं मे रे नबी यूँ रौशनी अच्छी लगी। कौन है सच्चा हितैषी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 18/06/202418/06/2024 ग़ज़ल मेरी हालत न कुछ भली सी है।बात अब तक मगर बनी सी है। छोड़ सकता नहीं उसे हरगिज़,मुझको प्यारी वो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 16/06/202416/06/2024 ग़ज़ल कहीं दिल किसी से लगाने से पहले।कभी पूछना मत ज़माने से पहले। इलेक्शन भी लड़ना पड़ेगा यक़ीनन,ज़रा सोच लेते सताने Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 13/06/202413/06/2024 ग़ज़ल सालों से जिन से प्रीत लगाए हु ए है हमइक पल में उनसे आज पराये हु ए है हम उड़ते Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 01/06/202401/06/2024 ग़ज़ल टूट कर कल को बिखरने के लिए।फूल खिलतें हैं महकने के लिए। एक पल भी होश खोते ही नहीं,हम कहाँ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 23/05/202423/05/2024 ग़ज़ल नया ताज़ा फ़साना चाहता हूँ।विगत को भूल जाना चाहता हूँ। सुगम रस्ता बनाना चाहता हूँ।सभी काँटे हटाना चाहता हूँ। नहीं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 20/05/202420/05/2024 ग़ज़ल सत्य को ख़ूब छान लेते हैं। जब किसी का बयान लेते हैं। नाप सारा जहान लेते हैं। जब परिन्दे उड़ान Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 05/05/202405/05/2024 ग़ज़ल ग़म नहीं गर भला सा मुकद्दर न हो। दिल के अन्दर मगर कोई भी डर न हो। सच कहे कौन Read More