ग़ज़ल
आदमी गर ज़हीन है तो है। सबको उसपर यक़ीन है तो है। सोचता वक़्त से बहुत आगे, सोच उसकी नवीन
Read Moreआत्म प्रसंशा से नहीं, बनती है पहचान। सब करते तारीफ जब,तब मिलता सम्मान। पुख्ता होती है तभी, रिश्तों की बुनियाद।
Read Moreसभी दिखावा कर रहे , दिल से करें न काम। मिशन विज़न सब खेल हैं, फकत चाहते नाम। कूड़ा करकट
Read Moreदुनिया के हर देश में , बढ़ा रही है शान। भारतवालों के लिए , हिन्दी इक वरदान। जोर शोर से
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