कविता

कहमुकरी

हाथो   हाथ   लिये   है   फिरती।
दूर  कभी  ना   खुद  से   करती।
पाकर   उसको   रहती   गलगल,
कासखि साजन, नासखि मोबल।
— हमीद कानपुरी

*हमीद कानपुरी

पूरा नाम - अब्दुल हमीद इदरीसी वरिष्ठ प्रबन्धक, सेवानिवृत पंजाब नेशनल बैंक 179, मीरपुर. कैण्ट,कानपुर - 208004 ईमेल - ahidrisi1005@gmail.com मो. 9795772415