गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 08/01/2022 ग़ज़़ल हद से ज़्यादा बढ़ गयीं गुस्ताखियाँ। छोड़ भी दो अब सनम नादानियाँ। चैन अब लेने न दें बेताबियाँ। बढ़ रहीं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 20/12/2021 ग़ज़ल उस रोज़ तानाशाह बड़ा भाग जायेगा। जिसरोज़ कुल अवाम यहाँ जाग जायेगा। सोया हुआ नसीब तेरा जाग जायेगा। लेकर अगर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 15/12/2021 ग़ज़ल नज़र की हदों तक हैं दिखते बवाले। वतन कर दिया दर्दों ग़म के हवाले। दिखाते फिरें धाक अपनी अडानी, ग़रीबों Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 10/12/2021 ग़ज़ल नहीं एक इंची ज़माना किसी का। न क़ुदरत का कोई ख़ज़ाना किसी का। सुकूं चैन दिल का मेरे ले गया Read More
मुक्तक/दोहा *हमीद कानपुरी 07/12/202107/12/2021 हमीद के दोहे जीवन है मुश्किल भरा,हर पग है पुरख़ार। दिल दीवाना ये नहीं, माने फिर भी हार। संसद से मैदान तक, हर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 01/12/2021 ग़ज़ल मिल सकी है उसे यूँ सफलता नहीं। कामयाबी की दिल में विकलता नहीं। चूमती ही नहीं कामयाबी क़दम, अज़्म लेकर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 05/11/2021 ग़ज़ल प्यार का पास गर ख़ज़ाना है। साथ उसके मियाँ ज़माना है। एक दीपक नहीं महज दीपक, रौशनी का बड़ा ख़जाना Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 21/10/2021 ग़ज़ल करें रौशनी अब अँधेरा मिटायें। दिलों में बसा है जो रावन जलायें। गुनाहों की रोटी न हरगिज खिलायें। अगर हो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 10/10/2021 ग़ज़ल हर तरफ पैदा करे डर कौन है। माॅब लिंचर यां सितमगर कौन है। हार को स्वीकारता हरगिज़ न जो, दिलकेअन्दर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 02/10/202102/10/2021 गाँधी नया एंगिल नया आयाम गाँधी। हमारे मुल्क को इन्आम गाँधी। बुराई से रहे लड़ते हमेशा, मुहब्बत का खुला Read More