उजालों को बांचे
अंधेरो को नही उजालों को बांचे आनन्दित रहने के लिए स्वम को वचन दे उन व्यवहारों,उन व्यक्तियों , उन बस्तुओ
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Read Moreचमकते कल के लिए आज झरो न बरखा मेरे जीवन में मेघ उड़ते हुए घिरे आ रहे हैं इनमे न
Read Moreसृष्टि में परिवर्तन अहोरात्र सम्पन्न हो रहा है अपनी तमाम पुरातन छवियों को तोड़ता हुआ जीवन एक नए समय में
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