भावना का बंधन
यह प्यार भावना का बंधन है, कोई समझौता या इकरार नहीं है, तुम खुल कर मुझसे प्यार करो,. या कह
Read Moreयह प्यार भावना का बंधन है, कोई समझौता या इकरार नहीं है, तुम खुल कर मुझसे प्यार करो,. या कह
Read Moreकुछ अपने अरमान दबा कर कुछ अपने ज़ज़्बात छिपा कर कुछ उनके अहसान उठा कर कुछ अपना वक़्त बिता कर
Read Moreजिसके पास कुछ भी नहीं, मैंने उसे भी हँसते देखा है, जिसके पास है सब कुछ ,मैंने उसको भी रोते
Read Moreकैसे समझाएं हम उनको हमारे मज़ाक़ को भी वो कटाक्ष समझ बैठे, दिल से प्यार है उनसे , वह मेरे
Read Moreमन की इच्छा हो तुम मेरे जीवन की अभिलाषा हो , धुंधले से मेरे शब्दों की, तुम स्पष्ट रूप
Read Moreमैं भी जीना चाहता हूँ कुछ पल सिर्फ अपने लिए ….हाँ सिर्फ अपने लिए बस मैं ही मैं हूँ और
Read Moreबिखरे शब्द बार बार दिखते थे टकराते थे मेरी कलम से फिर न जाने क्यों लौट जाते थे, शायद मैं
Read Moreदिल तो आखिर दिल है, दिल ही दिल में कैसे पल दो पल में, क्या से क्या हो जाता है,
Read Moreसूर्यास्त का समय और संध्या काल जैसे रात को दे रहा निमंत्रण सूर्य क्षितिज में समां रहा,और तमस का हो
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