बूँद से मोती बनो.
समुद्र के पानी की इक बूँद, अशुद्ध पानी की इक खारी बूँद, सूर्य की तपस सह कर, वाष्प का रूप
Read Moreसमुद्र के पानी की इक बूँद, अशुद्ध पानी की इक खारी बूँद, सूर्य की तपस सह कर, वाष्प का रूप
Read Moreइन आंसूओं की अब इस जमाने में ‘कद्र’ नहीं होती, पर इन आँखों को भी छलके बिना, ‘सब्र’ नहीं होती,
Read Moreमैंने उसे लाख भूलना चाहा, फिर भी गीत निकल ही आते हैं , उसकी चन्चल यादों से.. हर पल जो
Read Moreमधुमय जीवन प्यार भरा हो, अंतर्मन में पुष्प खिला हो, धुन मस्ती में दिल रमा हुआ हो, सबका स्नेह मिला
Read Moreसमय के पंख लगा, एक और वर्ष क्षितिज में समाया है, और हम कर रहे समीक्षा, हमने क्या खोया क्या
Read Moreहर इंसान के मन में मस्ती के भाव उठते हैं , और गा उठता है गीत- पंछी बनू उड़ता फिरूं
Read Moreन किसी के अभाव भाव में जियों, न किसी के प्रभाव में जियो, ज़िन्दगी में जीना है तो, बस
Read Moreपगड़ी आदमी के पहनावे की शान है, पगड़ी सच में महानता की पहचान है, एक दिन पगड़ी का दिमाग- सातवें
Read More