सत्य लेखन ही पूजा है–
लेखनी तो सरस्वती है, इसका अपमान न करें, सत्य लिखें सौम्य लिखे, अश्लीलता से दूर रहें, सच चाहे कड़वा भी
Read Moreलेखनी तो सरस्वती है, इसका अपमान न करें, सत्य लिखें सौम्य लिखे, अश्लीलता से दूर रहें, सच चाहे कड़वा भी
Read Moreयह जीवन, कभी जय है तो कभी अजय कभी नश्वर तो कभी अक्षय कभी मधु भाषी कभी कर्कश, कभी सहज
Read Moreवैलेंटाइन डे मनाओ, हर रोज़, मनाओ,. . मगर अपना तरीका बदलकर. . . किसी रोते हुये बच्चे के माथे को
Read Moreसरस्वती माँ की कृपा से, बसंत पंचमी के पावन महापर्व पर, हम सब पर विद्या देवी माँ शारदा की असीम
Read Moreयह सप्ताह —- मति भ्रष्ट है सबकी … ना काम न धंधा, ऊपर से मुफ्त का पंगा, जेब भी खाली
Read Moreवक़्त कब बदलेगा- क्यों इसे किसी का हँसता चेहरा नहीं भाता है,, चार पल की खुशी इससे देखी नहीं जाती
Read Moreगणतंत्र दिवस पर लहराता यह तिरंगा यह मेरे देश की शान है, यह मेरे देश की आन, इस तिरंगे पर
Read Moreमेरे भारत के वीर जवानो, सदा हो जय जय कार तुम्हारी, कैसा भी हो दुश्मन सामने रहती मनोहर शान तुम्हारी,
Read Moreमैं जी लूँगा किसी तरह , जिस हाल प्रभु की इच्छा हो, केवल मुझको दिखलाने भर , मत झूठा इज़हार
Read Moreहिंदी हमारी मातृभाषा है, और यह है राष्ट्र की भाषा हिंदी भाषा के ग्रंथो में निहित सब धर्मो की परिभाषा
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