जीवन की साधना,
मधुमय जीवन प्यार भरा हो, अंतर्मन में पुष्प खिला हो, धुन मस्ती में दिल रमा हुआ हो, सबका स्नेह मिला
Read Moreमधुमय जीवन प्यार भरा हो, अंतर्मन में पुष्प खिला हो, धुन मस्ती में दिल रमा हुआ हो, सबका स्नेह मिला
Read Moreसमय के पंख लगा, एक और वर्ष क्षितिज में समाया है, और हम कर रहे समीक्षा, हमने क्या खोया क्या
Read Moreहर इंसान के मन में मस्ती के भाव उठते हैं , और गा उठता है गीत- पंछी बनू उड़ता फिरूं
Read Moreन किसी के अभाव भाव में जियों, न किसी के प्रभाव में जियो, ज़िन्दगी में जीना है तो, बस
Read Moreपगड़ी आदमी के पहनावे की शान है, पगड़ी सच में महानता की पहचान है, एक दिन पगड़ी का दिमाग- सातवें
Read Moreमन तो आतुर है , ऊंचा उड़ने को, जाकर बादलो के पार नील गगन चूमने को, इंद्रलोक की अप्सराओं के
Read Moreअब प्यार के मुनासिब , कहीं कोई दिल नहीं मिलता, अब दिल के आँगन में प्यार का गुल भी
Read Moreक्षितिज की और संध्या काल में निहारती नारी के मन में उठते भावो का ब्यान करती हुई यह कविता —–
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