Author: जय प्रकाश भाटिया

कविता

सभी सुहागनों को करवा चतुर्थी पर

सभी सुहागनों को करवा चतुर्थी पर   शुभ कामनाओं के साथ सादर समर्पित, सबके जीवन में करवा चौथ का त्योहार लेकर आये ख़ुशियाँ हजार सभी सुहागनों के दिल का यही अरमान है, मेरा पिया ही तो मेरा सारा जहान है, प्यारे   पिया   में   बसी   उसकी   जान   है पिया  के  लिए  ही वह पूर्ण समर्पित है, उसका सबकुछ पिया के चरणो में अर्पित है, व्रत करती है पिया की दीर्घायु के लिए,

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कविता

ज़िंदगी एक वरदान   

  हर एक मुस्कराहट चेहरे की, मुस्कान नहीं होती, प्यार हो या दिल्लगी कभी भी, अनजान नहीं होती, आंसू आँखों में आते हैं , गम में भी और ख़ुशी में भी,  पर हर इंसान को इन आंसूंओ की पहचान नहीं होती,    कभी पानी का एक कतरा भी प्यास  को नसीब नहीं, कभी रिमझिम बरसते पानी की परवाह नही होती, जिसका दिल खुद एक बहता हुआ दया का दरया हो, उसकी की हुई मदद ,  किसी पे अहसान नहीं होती,   ज़िंदगी की राहों में दुःख भी आते हैं

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