हास्य व्यंग्य

हमारा कुत्ता

हमने एक कुत्ता पाला, सीधा सादा  भोला भाला,

धीरे धीरे वह हमसे हिल गया,

पूरे परिवार के साथ घुलमिल गया,

रोज़ हमको पार्क में मीलों भगाता था,

जो भी खाने को दो, प्यार से खाता था,

एक दिन अचानक वह सुस्त हो गया,

सरपट भागने वाला कुत्ता पस्त हो गया,

हमें उसका मर्ज़ समझ नहीं आया ,

हमने उसे कुत्ते के डॉक्टर को दिखाया ,

डॉक्टर ने हमें ही बेवकूफ बनाया ,

एक इऩ्ज्ञेक्शन लगा कर आठ सौ  का  बिल थमाया,

पर कुत्ते पर कोई असर नज़र नहीं आया ,

पर एक दिन कमाल हो गया ,

ख़ुशी से कुत्ते का मुंह लाल हो गया,

उसे पड़ोस की कुतिया नज़र आ गई,

पहली नज़र में उसके दिल को भा गई,

हमारा कुत्ता फिर से दुम हिलाने लगा,

पार्क में जाने के लिए शोर मचाने लगा,

हम समझ गए इसे तो इश्क की बीमारी है,

अपना घर बसाने की पूरी तय्यारी है,

हमने भी कुतिया के घर वालों को पैगाम भिजवाया ,

अच्छा मुहूर्त देख कर दोनों का ब्याह रचाया,

आज कल हमारा घर कुछ सूना सूना सा लग रहा है,

क्योंकि नया ब्याहा जोड़ा हनीमून पर गया है.

…. जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया जन्म दिन --१४/२/१९४९, टेक्सटाइल इंजीनियर , प्राइवेट कम्पनी में जनरल मेनेजर मो. 9855022670, 9855047845

5 thoughts on “हमारा कुत्ता

  • धर्म सिंह राठौर

    waah kya bat hai sir

  • सविता मिश्रा

    badhiya _/_

  • विजय कुमार सिंघल

    हा…हा…हा… यह घटना हर उस घर में होती है जहां कोई कुत्ता पला हुआ है. वैसे सत्य यह है कि आदमी कुत्ता नहीं पालता, बल्कि कुत्ता ही आदमी को पाल लेता है, उसे खिलाने, पिलाने, घुमाने, डुलाने के लिए. इसके बदले में उसे केवल पूँछ हिलानी पड़ती है.

    • जय प्रकाश भाटिया

      हा…हा…हा…बिलकुल सही, कुत्ता पालने पर वह घर का VIP बन जाता है और सबको खूब नचाता है, किसी और की डिमांड पूरी हो न हो कुत्ते का पूरा ध्यान रखना पड़ता है,

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