पूर्णता
“पूर्णता” तुम रहते हो मन में मेरे बनके अभिलाषा, तुम ही हो मेरे अंतस की उदगारों की भाषा । तुम्ही
Read More“दृढ़ता – अंतिम भाग” विवेक से मिलकर सुजाता घर आ गई पर…उसके मन में कुछ बातें चुभ रही थी। “विवेक
Read Moreविवेक का मन फूला नहीं समा रहा था। मन चाह रहा था कि पंख फैलाकर दूर नील गगन में उड़
Read More” दृढ़ता ” विवेक दिल्ली के AIIMS से ऑर्थोपेडिक सर्जन की पढ़ाई पूरी करके घर लौटा है। वह मन ही
Read Moreझटपट जागो सुबह को मोनू जाना है तुम्हें पाठशाला, दांतुन करके नहा धोकर पीना है दूध, भर प्याला। करो ना
Read More” झोंका हवा का ” हवा का एक झोंका हूँ मैं आगे बढ़ता जाता हूँ मुड़कर देखना मेरा स्वभाव
Read More” नन्हा जादूगर ” आसमान से आया ज़मीं पे चाँद का एक टुकड़ा दो नैना हैं जादू भरे उज्ज्वल
Read More