आपाधापी
“आपाधापी “ जीवन के आपाधापी में सोचा नहीं दो पल बैठकर , शुरू हुआ सफर कहाँ से है इसका अंत
Read More“देश के जवानों के नाम ” हम सोते हैं चैन की नींद जब वो बनते हैं पहरेदार बुरी नज़र न
Read More“मीठी मुस्कान😊 सच कहती है एक मीठी मुस्कान न मैं हिन्दु , न सीख न इसाई , न मुसलमान ।
Read More” दो पंछी- आजादी का स्वाद ” पिंजरे का पंछी था पिंजरे में अपनी धुन में मस्त मगन ,
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