मन की उड़ान
उड़ चला मन पंछी एक दिन दूर, सुदूर चाँद के गाँव, बैठा जाकर शांति से वह शीतल चांदनी की छाँव।
Read Moreउड़ चला मन पंछी एक दिन दूर, सुदूर चाँद के गाँव, बैठा जाकर शांति से वह शीतल चांदनी की छाँव।
Read Moreजाऊं ना जमुना तीर माने ना मन अधीर देख मोहे श्याम नित सताए रे। कह दे आज श्याम से, आए
Read Moreछाई घटा चहुं दिशा घनघोरपवन मचा रहा है शोर ,काल का रुप हुआ विकरालधरा पर मनुष्य है बेहाल । निडर
Read More. सुनो सखी, सुनो आओ आई आज पिया की पाती हैं . रात दिन तड़पू मैं यहाँ याद जब उनकी
Read Moreआओ फूलों सा हंसे और सब को हंसना सिखाएं,खुद खुशी से जिए और सबको जीना सिखाए। पल दो पल की
Read Moreऊंचे ऊंचे पेड़ों से सजे घने वन, ‘नैसर्गिक सुंदरता’ को परिभाषित करता वन। श्यामल परिधान में धरा सुंदरी रंग बिरंगे
Read More“अपनी पड़ोस वाली सुगनी बिल्कुल डायन है। पहले तो पांच साल की उम्र में अपनी मां को खा गई। अब
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