आसमान से भी ऊंची है कविता
आसमान से भी ऊंची है कविता, सागर से भी गहरी है कविता, लेखनी की धार है कविता, मखमली चाँदनी सी
Read Moreआसमान से भी ऊंची है कविता, सागर से भी गहरी है कविता, लेखनी की धार है कविता, मखमली चाँदनी सी
Read Moreबहुत दूर मुझसे बसी हो विरागिन, मिलन अब हमारा तुम्हारा न होगा। किसी दिन तुम्हीं रुपसी बन खड़ी थी, किसी
Read More******************** आसमान से भी ऊंची है कविता, सागर से भी गहरी है कविता, लेखनी की धार है कविता, मखमली चाँदनी
Read More******************** बहुत दूर मुझसे बसी हो विरागिन, मिलन अब हमारा तुम्हारा न होगा। किसी दिन तुम्हीं रुपसी बन खड़ी थी,
Read Moreसांस्कृतिक विविधता को संरक्षित करने के लिये नवम्बर 1999में यूनेस्को ने 21फरवरी को अंन्तरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रुप में मनाना
Read Moreएक बार तुम फिर से जागो, प्रेम की गंगा पुनः बहाओ, दूसरों के लिये रोड़े न बनो, सत्य और नीति
Read Moreभारत प्यारा देश हमारा तन -मन धन,अर्पन करता हूँ, मातृभूमि के चरणों में मस्तक रख कर कोटि कोटि अभिनन्दन करता
Read Moreहे राम दूत तुम सबके रक्षक हो, तुम कर्मवीर हनुमान जी , तुम ही तो बल के धाम हो, सब
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