शब्द बौने हो गए
प्रातःकाल चारों ओर देखता हूँ, हरियाली ही हरियाली है सूर्य की पहली किरण , वसुंधरा पर जब पड़ती है, तब
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Read Moreआज तेजी से बढ़ती जनसंख्या अनेकानेक समस्याओं को जन्म दे रही है जनसंख्या के कारण जीवन के हर क्षेत्र में
Read More******************** इस जगत के रक्षक है भक्तों के कष्ट हरते है साकार निराकार ओंकार रुप जय गंगाधर हर-हर महादेव। जिसका
Read Moreगुरु शिष्य का भाग्य विधाता गुरु भव सागर को पार कराता, गुरु जीवन नैया पार लगाता है गुरु जीवन से
Read More(कारगिल शहीद दिवस पर विशेष) मां तुम्हारे शीश अगणित एक सिर मेरा भी है, चरण कमलों में तेरे मां एक
Read Moreपर्यावरण संरक्षण के लिये अपना जीवन अर्पित करने वाले सुन्दरलाल बहुगुणा जी आज हमारे बीच नहीं है उनके द्वारा जो
Read Moreमौसम कितना सुहावना है सावन जैसा ही लगता है रिमझिम -रिमझिम पानी बरसे छायी बदरिया है घनघोर।। आओ सोनू आओ
Read Moreआसमान से भी ऊंची है कविता, सागर से भी गहरी है कविता, लेखनी की धार है कविता, मखमली चाँदनी सी
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