बहुत तिरस्कृत हुई है नारी। जब भी उसने कुछ कहना चाहा उसे मान मर्यादा का वास्ता देकर चुप कराया गया है। हमेशा मानवीय संवेदनाओं से घिरी है उसे असुरक्षित महसूस होता रहा। रिस्तों की डोर भी नारी की अस्मत नहीं बचा सकी। कहीं न कहीं, कभी न कभी अपनों द्वारा ही छली गई। नारी बिजली […]
Author: कालिका प्रसाद सेमवाल
शब्द बौने हो गए
प्रातःकाल चारों ओर देखता हूँ, हरियाली ही हरियाली है सूर्य की पहली किरण , वसुंधरा पर जब पड़ती है, तब सोचता हूँ , कि कोई कविता लिखूँ। याद आता है, खूँटे से बंधा, लाचार बेबस पशु, याद आ जाती है, झोपड़ी में रोती, अपने आप को कोसती, वह अबला, जो परिस्थितियों की मारी है। क्या […]
तेजी से बढ़ती जनसंख्या अभिशाप है
आज तेजी से बढ़ती जनसंख्या अनेकानेक समस्याओं को जन्म दे रही है जनसंख्या के कारण जीवन के हर क्षेत्र में समस्याओं का पहाड़ खंडा हो रहा है। भारत के परिपेक्ष्य में तो जनसंख्या ने तो विकास की गति में रोड़े ही डाल दिया है ,आज एक जाति विशेष को कई शादियों करने की छूट है, […]
*जय गंगाधर हर -हर महादेव*
******************** इस जगत के रक्षक है भक्तों के कष्ट हरते है साकार निराकार ओंकार रुप जय गंगाधर हर-हर महादेव। जिसका आदि न अन्त है कपूर के समान गौर वर्ण है सृष्टि के कण-कण में व्याप्त है जय गंगाधर हर -हर महादेव। प्रभु श्रीराम के ईष्ट है भोलेनाथ करुणावतार है केदारनाथ द्वादश ज्योतिलिंगों में रहते है […]
ऊँ श्री गुरुवै नमः*
गुरु शिष्य का भाग्य विधाता गुरु भव सागर को पार कराता, गुरु जीवन नैया पार लगाता है गुरु जीवन से अन्धकार मिटाता। गुरु तन -मन को निर्मल करता है विचारों में पवित्रता भर देता है गुरु स्व की पहिचान कराता है जीवन को मंगलमयी बनाता है। गुरुवर तुम दाता और ज्ञाता हो ज्ञान धार से […]
मातृभूमि के लिये अपना जीवन बलिदान करने वालों को सादर नमन
(कारगिल शहीद दिवस पर विशेष) मां तुम्हारे शीश अगणित एक सिर मेरा भी है, चरण कमलों में तेरे मां एक यह चेहरा मेरा भी है। कारगिल विजय दिवस स्वतंत्र भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिवस है. इसे हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है. सन् 1999 […]
संस्मरण : सुन्दरलाल बहुगुणा
पर्यावरण संरक्षण के लिये अपना जीवन अर्पित करने वाले सुन्दरलाल बहुगुणा जी आज हमारे बीच नहीं है उनके द्वारा जो कार्य किये गये वह मिसाल के रुप में हमारे बीच हमेशा ही रहेगें। बहुगुणा जी के साथ वैसे तो अनेक स्मृतियां है मैं इस संस्मरण में उसकी ही चर्चा मैं कर रहा हूँ जिसकी छाप […]
रिमझिम बरखा
मौसम कितना सुहावना है सावन जैसा ही लगता है रिमझिम -रिमझिम पानी बरसे छायी बदरिया है घनघोर।। आओ सोनू आओ मोनू बरखा का आनंद उठाये मास्क पहन कर घर से आना दो गज की दूरी बनाना। सरिता ललिता तुम भी आओ हम सब मिल कर नाचे गाये पानी में भीग भीगकर बरखा का आनंद उठाये। […]
दीप
दीप बन कर स्वयं प्रकाश दो तुम उजाला का दान दे दो, एक दीपक ही अकेला घोर तम को दूर करता। यदि सकल्प शक्ति तुम में है मुस्किलों का मुकाबला खुद करो, नेह के नित तेल से जिन्दगी का दीप तुम जलाते रहो। प्रेम जीवन का अमृत है सभी से प्रेम अपना बांटते रहो, प्रेम […]
जीवन
जीवन का हर पल अमूल्य है कभी समय न खोना व्यर्थ हर क्षण का तुम उपयोग करो जीवन हो जायेगा सार्थक। ईश्वर एक रुप अनेक है नाम अलग अलग होय, कण -कण में व्याप्त है हर घर ईश्वर का धाम। क्षमा नम्रता और प्रेम धन वेदो ने यह बतलाया है, अच्छाई में अमृत होती है […]