गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 09/04/2021 ग़ज़ल चूड़ियां तेरी सदा खन-खन करे प्रियतमा पासा तू’ अब गर मन करे | रात दिन भगवान का चिंतन करे हाथ Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 09/04/2021 ग़ज़ल गणतंत्र का उत्सव आया, ह्रदय में आशनाई हो , जात-पात, ऊंच-नीच का विष, ख़त्म तमाम बुराई हो | निष्पक्ष साफ़ Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 09/04/2021 ग़ज़ल जीस्त बीती तुम्हे मनाने में क्या मज़ा मेरे दिल दुखाने में | इम्तिहां मैं दिया हरेक दफा तू नहीं चुकती Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 17/03/202117/03/2021 ग़ज़ल दो दिल अगर करीब, मुहब्बत की बात है महबूब गर हरीफ, तो’ किस्मत की बात है | नेता विरोध फ़क्त Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 17/03/202117/03/2021 ग़ज़ल द्वेष की आतिश बुझाना चाहिए देशवासी खिलखिलाना चाहिए | गर्व क्यों हो इन्तियाज़ी धर्म पर सिर्फ मानव धर्म निभाना चाहिए Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 16/10/2020 ग़ज़ल नींद में भी देखता, कोई बुलाता है मुझे जोर से आवाज देकर, ज्यूँ जगाता है मुझे | गुनगुनाता आप अपने, Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 16/10/2020 ग़ज़ल उम्र का यह ढलान है प्यारे यह बुढ़ाई थकान है प्यारे | नग्न भूखे किसान है प्यारे झोपड़ी ही मकान Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 16/10/2020 ग़ज़ल प्यास दिल का अभी तो बुझा ही नहीं इश्क क्या है पता भी चला ही नहीं | गर शिकायत मैं Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 16/10/2020 ग़ज़ल वही बेसुरा गीत गाने लगे सभी भाव उसके पुराने लगे | जनाधार जब टूटता ही गया निराली कहानी सुनाने लगे Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 16/08/2020 ग़ज़ल मौसमी हवा बनी तूफान इन दिनों सब शत्रु के मकान है’ वीरान इन दिनों | हैवान को मिला सभी’ सम्मान Read More