कहानी: दस साल बाद
दिल्ली के प्रगति मैदान में गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी भव्य पुस्तक मेला का आयोजन किया गया था।चारों
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Read Moreमन मनमानी पर उतर आया है, लगता है कि किसी बुरी आत्मा का साया है। कोई तो तरकीब हो जिससे
Read Moreकोरोना विषाणु की भयावहता के चलते प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू की घोषणा कर दी थी। डॉक्टर, पुलिस तथा सेना के
Read Moreलक्ष्य प्राप्ति के लिए थोड़ा सब्र अपनाते हैं, कुछ न करके अपना- अपना फर्ज़ निभाते हैं। धैर्य और सहनशीलता का
Read Moreइंतजार के पल अब गुजारे नहीं गुजरते हैं, हर घड़ी हम सिर्फ़ तुमको याद करते हैं। मूंद लेते हैं अक्सर
Read Moreतुझसे मिलने की अधूरी ख्वाहिश लेकर, दामन में तेरी चाहत के फूल खिलाकर, अपनी तमन्नाओं को मन में ही दबाकर,
Read Moreऐसी भी क्या नाराजगी है , जो हाथ छुड़ाकर जाती है। ऐ जिंदगी! ठहर जा न, हम भी तेरे ही
Read Moreभूख का कोई ईमान धर्म नहीं। जात- पात, लिंगभेद के भेदभाव से दूर, उम्र की सीमा से परे, अबोध, युवा
Read Moreकुछ वक़्त अपने भी साथ बिता कर देखो, अपनों की भी कद्र है तुम्हें यह जता कर देखो। घर की
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