मजा ही कुछ और है
यादों के गुलिस्तां में मन भटकता चहुं ओर है, तुम्हें सोचने का जाने क्यों मजा ही कुछ और है। हकीकत
Read Moreयादों के गुलिस्तां में मन भटकता चहुं ओर है, तुम्हें सोचने का जाने क्यों मजा ही कुछ और है। हकीकत
Read Moreदुनिया की ठोकरों ने संभलना सिखा दिया, झूठ और फरेब को समझना सिखा दिया। बदल गया नजरिया लोगों को देखने
Read Moreगम भी खुशियां दे जाते थे, जब हम साथ तुम्हारा पाते थे। प्रीत के बंधन में बंध कर , सपनों
Read More“मैं आपको चाहने लगा हूं ।आपकी याद आ रही थी इसलिए इतनी रात को फोन किया ।आपको बिना बताए नींद
Read Moreनील गगन के स्वप्निल आंगन में, अगणित तारों संग विचरता चांद। शांत अविरल आसमान में, पूरी रात का आधा चांद।
Read Moreनव वर्ष को एक उत्सव के रूप में मनाने का इतिहास वर्षों पुराना है ।कहा जाता है कि लगभग 4000
Read Moreकिसी देश या समाज के लिए” शिक्षा” भावी नागरिकों के व्यक्तित्व निर्माण, सामाजिक नियंत्रण, प्रगतिशील विचारधारा तथा सामाजिक एवं आर्थिक
Read Moreइसमें कोई दो राय नहीं है कि विश्व पटल पर भारत एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरा है और
Read Moreएक समय की बात है, गर्मी का महीना था और जंगल के ज्यादातर जल स्रोत सूख रहे थे ।प्रचंड गर्मी
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