गीत-भीतर भी कोरोना है
बाहर भी कोरोना दिखता भीतर भी कोरोना है. जाने कब तक कोरोना का बोझा हमको ढोना है. सुबह-सुबह अख़बारों में
Read Moreबाहर भी कोरोना दिखता भीतर भी कोरोना है. जाने कब तक कोरोना का बोझा हमको ढोना है. सुबह-सुबह अख़बारों में
Read Moreएक दिवस भोलू बन्दर ने पर्स राह में पाया. नोट देखकर काफी उसमें ऐसा प्लान बनाया- पाँच सितारा होटल में
Read Moreटूटा जो दिल तो दिल को दिलासा नहीं मिला. राँझे को हीर, हीर को राँझा नहीं मिला. सोचा जो दिल
Read Moreमैं हूँ तितली रानी-मैं हूँ तितली रानी. बहुत ध्यान से बच्चे सुनते, मेरी मधुर कहानी. बगिया-बगिया जाती हूँ. फूलों पर
Read Moreनिकलता जिनसे कुछ मतलब उन्हें हुक्काम कहता है. निकल जाता है जब मतलब वो झंडू बाम कहता है. तरीका उसका
Read Moreसबने जिसको छोड़ा उसको क्या अपनाकर ग़लती की. मैंने फ़र्ज़ निभाया तो क्या फ़र्ज़ निभाकर ग़लती की. सोचा था इक
Read Moreबे एरिया, कैलीफोर्निया की वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.शकुंतला बहादुर आईआईटी, कानपुर में अपने पुत्र के पास आई थीं. कानपुर के हास्य
Read Moreअमरीका मा “हउदी मोदी” कितना स्वागत भवा अपार. मोदी-मोदी कहि चिल्लाने आये लोग पचास हज़ार. ट्रंप कहिन-हम अपने घर मा
Read Moreजब भी उसकी ख़बर नहीं मिलती. रात मिलती , सहर नहीं मिलती. मैं तो ख़ुद से कभी न मिल पाता,
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