खाली हाथ !
सविता ऐसे तो चुप ही रहती थी, पर जब बात उसके स्वाभिमान पर आती तो वो अपना आपा खो देती
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Read Moreपुनित बहुत उदास था तो मनीषा ने फोन पर पुनित की बात सुदेश से कराई। अपने पापा से बात करके
Read Moreनन्ही परी! मेरी नन्ही सी परी है वो सोने सी खरी है मासूम है अंजान भय का नहीं ज्ञान बस
Read Moreमानो या न मानो लेकिन जीवन का आधार यही है। सुख दुख आते जाते रहते मेरा तो व्यवहार यही है।
Read Moreकभी उलझ जाते हैं कभी सुलझ जाते हैं हमसफर संग चलते चलते कुछ रिश्ते बदल जाते हैं और उम्र ढलती जाती
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