धन्यवाद !
समीर भाग कर दादाजी की गोद में आकर बैठ गया और बड़ी मासूमियत से कहने लगा दादा जी अंकित है
Read Moreसफ़र को छोड़ कश्ती से उतर जा। किसी के नाम खुशियां अपार कर जा। नहीं मोहताज हुनर किसी मुकाम का,
Read Moreकैसी ये आफत है हम कहेंगे कैसे। दिल पर इस बोझ को अब सहेंगे कैसे। वतन की कम खुद की
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