ये कुछ तुम जैसा है
कुछ नेह के धागे बुने हुए कुछ स्नेह की झरती बूंदों सी, कुछ यादें मीठी-मीठी हैं कुछ लम्हें रीते-रीते
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Read Moreरिश्तों का पोस्टमार्टम भाग-2 अब आगे पढिये………. “नहीं।” मैंने उत्सुकता के साथ उत्तर दिया। “तो फिर चलो तुम्हें घाट चैरासी
Read Moreरिश्तों का पोस्टमार्टम, भाग-1 “चलो कपड़े पहनते हैं अब इश्क़ पूरा हुआ” छी….. “बस यही रह गया है प्यार-मुहब्बत का
Read More#समर्पिता# #कविता_सिंह# सुनो! स्त्री रहस्य नहीं समर्पण है उसे सुलझाने की नहीं स्वीकारने की अंगीकार करने की सोचो वो समर्पिता
Read Moreउम्र के एक पड़ाव पर हो जाते हैं फीके बेरंग एहसास यथार्थ के हाथों होते हैं कत्ल भावों के। एक
Read Moreकभी आना मेरे पास बस निहारना नयनों में भरे प्यार से भींग जाए तन-मन मेरा उस प्यार के एहसास से।
Read Moreआज अदिति के आफिस का पहला दिन था,छोटे शहर से आयी हुई लड़की थी थोड़ी सी घबराहट उसके पूरे व्यक्तिव
Read Moreकिसी की उदासियों में भी खुशियां बिखेरना हंसना हंसाना कोई सिखे तो…तुमसे। अधूरे लफ़्ज़ों और
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