गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 05/03/2022 ग़ज़ल मधुर चाँदनी रात लिक्खी नहीं है हमारी मुलाक़ात लिक्खी नहीं है सुयश ज़िंदगी क्यों नहीं कर्मफल में करो मत सवालात Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 06/11/2021 ग़ज़ल मैं तमाशा देखने जाऊँ कि मछली मारने रख दिया है सामने प्रस्ताव दो-दो यार ने देर तक ये प्यार से Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 04/09/2021 ग़ज़ल अब क्या बखान कौन हमारा नहीं रहा वीरान आसमान सितारा नहीं रहा जब नीर का भराव लिए ही नदी नहीं Read More