गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 09/06/2022 ग़ज़ल तू अकेले कि काफ़िले में चल मत ठहर बीच रास्ते में, चल आज का दिन उदास बीता है आज की Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 06/05/2022 ग़ज़ल और बाक़ी मिठाइयाँ छोड़ूँ मैं भला क्यों जलेबियाँ छोड़ूँ हुस्न नमकीन को न छोड़ सकूँ रक्त-गति की दवाइयाँ छोड़ूँ जब Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 03/04/2022 ग़ज़ल सिमटता है कभी ये फैलता है हमारे बीच ऐसा फ़ासला है नया इक मोड़ लेता जब समझते सुलझने को पुराना Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 05/03/2022 ग़ज़ल मधुर चाँदनी रात लिक्खी नहीं है हमारी मुलाक़ात लिक्खी नहीं है सुयश ज़िंदगी क्यों नहीं कर्मफल में करो मत सवालात Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 06/11/2021 ग़ज़ल मैं तमाशा देखने जाऊँ कि मछली मारने रख दिया है सामने प्रस्ताव दो-दो यार ने देर तक ये प्यार से Read More
गीतिका/ग़ज़ल केशव शरण 04/09/2021 ग़ज़ल अब क्या बखान कौन हमारा नहीं रहा वीरान आसमान सितारा नहीं रहा जब नीर का भराव लिए ही नदी नहीं Read More