विकास और आत्मनिर्भरता
विकास आत्मनिर्भरता से ही होता है। भिखारी बन कर नही होता। दुकानदार, नौकरी करने वाला, लघु उद्योग या बडा उद्योग,
Read Moreविकास आत्मनिर्भरता से ही होता है। भिखारी बन कर नही होता। दुकानदार, नौकरी करने वाला, लघु उद्योग या बडा उद्योग,
Read Moreनीर को धीर कहाँ, चीर संग चाहिए, मन भी अधीर यहाँ, ज्ञानी संग चाहिए| जीवन की नैया, बीच मझधार है,
Read Moreहोली का त्यौहार है, प्यार और मनुहार का, रंगों का साथ है, अबीर और गुलाल का। होली हिन्दुओँ का वैदिक
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