मुक्तक
खुद को खुदा समझने वाले, अहंकार में फँस जाते हैं, छोटी-छोटी बातों पर भी, गुस्से से वो लस जाते हैं।
Read Moreमैं खामोश रहता हूँ, मगर गूँगा नही हूँ, अकेला रहता हूँ, मगर तन्हा नही हूँ। अथाह जल है समन्दर में
Read Moreइन्द्र्धनुष के रंगों जैसा, मुझको रंग दो, होली के रंगों को, सतरंगी कर दो। राग-द्वेष, बैर-भाव, नफ़रत जड़ से मिटाकर,
Read Moreभारत में आज अनेक संकट छाये हुए हैं – भ्रष्टाचार, आतंकवाद, कट्टरवाद, धर्मांतरण, नैतिक अध : पतन, अशिक्षा, चरमरायी हुई
Read Moreभारतीय नववर्ष विक्रम संवत 2075 बदला है नववर्ष, नया संवत आया है, कुदरत ने रंग रूप, नया दिखलाया है। फूल
Read Moreखुशियाँ हों, शुभ सन्देश मिलें, नूतन वर्ष सनातन हो। जी हाँ यही अवधारणा है भारतीय नववर्ष की।लेकिन जिस अंग्रेजी नव
Read Moreहर दौर के सिक्के, सँभालकर रखता हूँ, हो इतिहास की पडताल, ख्याल रखता हूँ। बुजूर्गों ने बीते दौर का, इतिहास
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