बस यूँ ही
बस यूँ ही वक्त गुज़ार लेता हूँ मैं,तन्हाईयों में वक्त गुज़ार लेता हूँ मैं।जो बातें कह न सका अपनों के
Read Moreराष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन द्वारा होली के पावन पर्व पर एक आभासी अखिल भारतीय काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
Read Moreबदलेगा नव वर्ष नया संवत आयेगा, कुदरत में भी रंग नया दिख जायेगा। चहकें चिड़िया और परिन्दे नीलगगन, कली- कली
Read Moreबहन बेटियों के सिर आँचल, भूली बिसरी बात हुई, पनघट से पानी भर लाना, अब भूली बिसरी बात हुई। शाम
Read Moreअगर हमने नहीं बोली, तो कोई क्या कहेगा, कोई पिछड़ा- अहंकारी, कट्टर हिन्दू कहेगा। कह रहे हमको, सभी का सम्मान
Read Moreइतिहास के पन्नों से, वह इतिहासग़ायब कर दिया, जिससे गौरवान्वित था भारत, काल ग़ायब कर दिया। इन्तिहा बेशर्मी की, किस कदर इनकी रही, सिकन्दर को
Read Moreहोली का त्यौहार है, प्यार और मनुहार का, रंगों का साथ है, अबीर और गुलाल का। होली हिन्दुओँ का वैदिक कालीन पर्व
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