समाचार

“नवगछिया के नागार्जुन डॉ छेदी साह” स्मृति ग्रंथ का लोकार्पण

भागलपुर। साहित्य समाज का दर्पण ही नहीं है, एक अनमोल विरासत है, जो युगों-युगों तक अक्षुण्ण और शाश्वत बना रहता है। ये बातें परम हंस स्वामी आगमानन्द  महाराज ने कही। वे प्रो.(डॉ.) छेदी साह स्मृति मंच की ओर से रविवार के ज्योति  विहार कॉलोनी स्थित  शीला-छेदी सदन के सभागार में आयोजित स्मृति ग्रन्थ “ डॉ. […]

मुक्तक/दोहा

मुक्तक

नहीं शब्द कोई आया था, भारत के संविधान में, जो धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बताये, भारत के संविधान में। राम राज्य की परिकल्पना, प्रथम पृष्ठ पर चित्रांकित, कांग्रेस ने धर्मनिरपेक्ष मिलाया, भारत के संविधान में। शब्द लिख कर सैक्यूलर, धर्मनिरपेक्ष बता दिया, 1976 में इन्द्रा जी ने, यह अनूठा काम किया। बयालीसवां संशोधन, मुस्लिम तुष्टिकरण की चाह, […]

मुक्तक/दोहा

मुक्तक

नंगा क्या नहाये क्या निचोड़े, सोचता खुद, भूखा क्या खाये क्या खिलाये, सोचता खुद। माँगते रब से, कुछ आपदा मुल्क में आये कहीं, राहत के नाम पर लूट लूँ सब, सोचता खुद। मुल्क अपना या पड़ोसी, कुछ तो करो, आपदा में अवसर तलाशो, कुछ तो करो। तुर्की और सीरिया भूकम्प से पीड़ित हुये, इमदाद के […]

मुक्तक/दोहा

मुक्तक

अतिवादी बन कभी बेटियों, बेटों को स्थान दिया, कभी नहीं सोचा तुमने, भेदभाव का काम किया। बेटी तो है मान घरों की, बेटों से घर की पहचान, बेटी अच्छी बहु ख़राब, दामाद को सम्मान दिया। बेटी इतनी अच्छी तो, क्यों सास ससुर पीड़ित रहते, दो पाटों के बीच बताओ, क्यों बेटे अब पिसते रहते? बहु […]

मुक्तक/दोहा

मुक्तक

संविधान में अम्बेडकर ने सबको, जाति धर्म में बाँट दिया, कुछ को नीचा अछूत बताकर, आरक्षण अधिकार दिया। वेदों ने कब बाँटे मानव, कब जाति धर्म का खेल किया, जाति का प्रमाण पत्र ज़रूरी, संविधान में स्थान दिया। शास्त्रों में कहीं कोई भी, जन्मना जाति नहीं बनी, पिछड़े शूद्र बताते जिनको, थे क्षत्रिय सूरवीर धनी। […]

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

वर्णाश्रम एवं चातुर्वर्ण्य

वैदिक परम्परा में वर्णाश्रम धर्म एवं चार वर्णों को आधार माना जाता है । परन्तु वर्तमान में इसका जो रूप हमें दिखायी देता है, वह शास्त्रों की परिभाषा के विपरीत है । वर्णाश्रम व्यवस्था एवं चातुर्वर्ण्य व्यवस्था सदैव ही समाज में रही है और रहेगी । अगर हम कहें कि वैश्‍विक किरणें ( cosmic rays) […]

मुक्तक/दोहा

मुक्तक

जीने की ख़ुशी, न मरने का गम है, मानव मिला तन, यही क्या कम है। किया क्या है हमने, यह तन पाकर, जीवन मरण का, यह कैसा भ्रम है? डरते नहीं हम मरने से, लेकिन, जीने का मक़सद, हमारा कर्म है। संस्कार संस्कृति, हमारी विरासत, पुरातन होने का, हमको न गम है। मर्यादा में रहना, […]

स्वास्थ्य

श्वास विज्ञान

दुनिया में सबसे अनोखा विज्ञान    “श्वास विज्ञान“ श्वास विज्ञान  क्या है?— मनुष्य के शरीर में वायु की गति, अंग-अंग में वायु परीक्षण एवं प्रभाव का अन्वेषण ही श्वास विज्ञान में आता है। इसकी खोज हमारे ऋषि मुनियों ने दीर्घकालिक अनुभवों के बाद की थी।आश्चर्यजनक तथ्य यह है क़ि आज भी भारत के अलावा दुनिया […]

कविता

बरसात का आनन्द

बरसात का आनन्द अब, फिर से लिया जायेगा, बचपन में भीगा करते थे, पचपन में देखा जायेगा। लगती नहीं वर्षा की झड़ी, कैसे बतायें बच्चों को, थोड़ी सी बारिश गर हुई, ज़्यादा समझा जायेगा। हैं कहाँ सर्दी की ठिठुरन, अकड़ जाती थी अंगुलियाँ, लू के थपेड़े भी कहाँ बचे, गर्मी में देखा जायेगा। सुविधाएँ बहुत […]

कविता

कविता

बीती रात हुआ सवेरा, आँखें खोलो, देर सुबह तक सोने वालों, कुछ तो बोलो। बच्चे भी तैयार होकर, स्कूल जा चुके, दादी दादा पूजा कर, मन्दिर से आ चुके। चाय पी कर, कुल्ला मंजन करने वालो, उठ कर चाय पी लो, अब आँखें खोलो। उर्जा का स्रोत, सुबह का सूरज होता, चन्दा भी शीतलता, रातों […]