ग़ुस्सा आया
हिन्दू सब कुछ सहता रहता, तो अच्छा है,हिन्दू ने प्रतिरोध किया तो ग़ुस्सा आया।मची खलबली धर्मनिरपेक्ष कट्टरपंथियों में,सोया हिन्दू जाग
Read Moreहिन्दू सब कुछ सहता रहता, तो अच्छा है,हिन्दू ने प्रतिरोध किया तो ग़ुस्सा आया।मची खलबली धर्मनिरपेक्ष कट्टरपंथियों में,सोया हिन्दू जाग
Read Moreराष्ट्र चिंतन की चर्चा करने से पूर्व यह समझना अति आवश्यक है की जिस राष्ट्र के चिंतन की हम बात
Read Moreधूप में जलते हैं खुद और पाँव में छाले पड़े,चलते रहें रात दिन, जितना भी चलना पड़े।चिन्ता यही रहती है
Read Moreराष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन द्वारा होली के पावन पर्व पर एक आभासी अखिल भारतीय काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
Read Moreबदलेगा नव वर्ष नया संवत आयेगा, कुदरत में भी रंग नया दिख जायेगा। चहकें चिड़िया और परिन्दे नीलगगन, कली- कली
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